30 Sep, 2023 | By : Rosemine
Radiation therapy, also called radiotherapy, is a type of cancer treatment. This treatment uses beams of intense energy to kill cancer cells. Radiation therapy most often uses X-rays
विकिरण चिकित्सा, जिसे रेडियोथेरेपी भी कहा जाता है, एक प्रकार का कैंसर उपचार है। यह उपचार कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए तीव्र ऊर्जा की किरणों का उपयोग करता है। विकिरण चिकित्सा में अक्सर एक्स-रे का उपयोग किया जाता है
रेडियोलॉजी कोर्स डिटेल (Radiology Courses detail in Hindi):
रेडियोलॉजी मेडिसिन के साथ-साथ तकनीक की मदद से रोगों के उपचार का अध्ययन करना है। इसे डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी (diagnostic radiology) और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी (interventional radiology) सहित प्रमुख रूप से दो क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है। यहां, रेडियोलॉजी की शाखाओं में से एक दवा की विशेषज्ञता है जो बीमारियों या चोटों का पता लगाने के लिए एक्स-रे छवियों का उपयोग करती है जबकि दूसरी उपचार प्रदान करने के उद्देश्य से सीटी स्कैन, एमआरआई आदि जैसी तकनीकों का उपयोग करने का अध्ययन है।
रेडियोलॉजी चिकित्सा विज्ञान की अधिक लोकप्रिय शाखाओं में से एक है और पूरे भारत में चिकित्सा उम्मीदवारों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प है। रेडियोलॉजी में कई कोर्सेस (Radiology Courses) उपलब्ध हैं जो नौकरी के अच्छे अवसर प्रदान करते हैं, हालांकि, उनमें से सबसे अच्छा एमबीबीएस (MBBS). उसके बाद एमडी (MD) या एमएस है। नीचे रेडियोलॉजी कोर्स डिटेल (Radiology Courses detail in Hindi) दी गई है।
Radiology Course Eligibility Criteria in Hindi
अगर कोई भी विद्यार्थी कक्षा बारहवीं के बाद रेडियोलॉजी कोर्स (Radiology Course After 12th) करना चाहता है तो उसे निम्नलिखित योग्यताओं को जरूर पूरा करना होगा-:
अभी तक आपने रेडियोलॉजी के बारे में बहुत कुछ जानकारी प्राप्त कर ली है ।अब हम बात करेंगे कि रेडियोलॉजी का कोर्स में कितने सब्जेक्ट होते हैं ,और हमें कितने सब्जेक्ट पढ़ने होते हैं ऐसे में हम आपकी जानकारी के लिए नीचे कुछ पॉइंट के माध्यम से सब्जेक्ट ओं के बारे में बताया हुआ है जिसे आप पढ़ कर बहुत ही आसानी से समझ सकते हो।
दोस्तों अगर आप रेडियोलॉजी का कोर्स करते हो तो ऐसे में सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है, कि रेडियोलॉजी कोर्स कितने साल का होता है ऐसे में हम आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि रेडियोलॉजी कोर्स पूरे 4 साल का होता है| लेकिन रेडियोलॉजी का कोर्स करने के लिए सबसे पहले डिप्लोमा और बैचलर डिग्री का भी कोर्स करना होता है, तभी जाकर आफ रेडियोलॉजी का कोर्स कर सकते हो ऐसे में हम आपकी जानकारी के लिए नीचे रेडियोलॉजी और बैचलर डिग्री की अवधि के बारे में बताने वाले हैं जिसे आप पढ़ कर समझ सकते हो।
रेडियोग्राफी कोर्स के लिए विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती हैं जिनमें जो कैंडिडेट पास हो जाते हैं उनको रेडियोग्राफिक कोर्स की पढ़ाई के लिए विभिन्न कॉलेजों और संस्थानों में दाखिला दे दिया जाता है। रेडियोग्राफिक कोर्स की प्रवेश परीक्षा की जानकारी इस प्रकार है-
रेडियोग्राफी, एक पैरामेडिकल कोर्स उन छात्रों को पेश किया जा रहा है जो विकिरण के तरीकों का उपयोग करके चिकित्सा उपचार में नैदानिक परीक्षणों का अभ्यास करने की इच्छा रखते हैं। बैचलर ऑफ साइंस या बीएससी रेडियोग्राफी 3 साल की अवधि वाला कोर्स है और पूरे पाठ्यक्रम में लगभग 6 सेमेस्टर है। रेडियोग्राफी एक पैरामेडिकल क्षेत्र है जो शरीर के आंतरिक भागों से संबंधित रोगों के उपचार से संबंधित है। इस उपचार की प्रक्रिया में, वे एक्स-रे का उपयोग करते हैं। भारत में औसत पाठ्यक्रम शुल्क सरकारी संस्थानों में INR 2000 और 50,000 के बीच है, हालांकि, यह एक निजी संस्थान में INR 2 और 10 लाख तक हो सकता है, जो पूरी तरह से उस कॉलेज पर निर्भर करता है जिसमें छात्र अध्ययन करना चाहता है।
रेडियोग्राफिक कोर्स करने के बाद आपके लिए नौकरी करने के बहुत सारे रास्ते खुल जाते हैं क्योंकि इस लाइन में पैसा भी बहुत है और आगे बढ़ने के अवसर भी। यह कोर्स करने के बाद किसी भी सरकारी अस्पताल, प्राइवेट हॉस्पिटल, हेल्थ केयर फील्ड, आर्मी मेडिकल कॉलेज, क्लीनिक, रिसर्च लैबोरेट्री इत्यादि आदि में रोजगार के बहुत सारे अवसर मिल जाते हैं।
रेडियोग्राफिक कोर्स करने के बाद बहुत ही अच्छा वेतनमान मिलता है वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें की यदि आप फ्रेशर है तो आपको 20 से लेकर 30 हजार रुपए के बीच वेतन मिल जाता है। इसके साथ ही यह भी जान लीजिए कि जैसे-जैसे आप इस फील्ड में अनुभवी होते जाएंगे वैसे वैसे आप का वेतनमान भी बढ़ जाएगा। इसके अलावा आपको आगे बढ़ने के भी कई अवसर इस क्षेत्र में मिल जाएंगे।
रेडियोग्राफिक कोर्स करने के बाद आपको प्राइवेट क्षेत्रों में नौकरी करने के अवसर मिल सकते हैं। किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल, लेबोरेटरी, डायग्नोस्टिक, हेल्थ सेंटर और नर्सिंग होम इत्यादि में काम कर सकते हैं। इसके साथ हम आपको यह भी बता दें कि अगर आप विदेश में काम करना चाहते हैं तो इसके लिए भी आप अप्लाई कर सकते हैं। विदेशों में नौकरी करने पर आपको इंडिया के मुकाबले कई गुना अधिक वेतनमान मिल सकता है।
रेडियोग्राफिक कोर्स के बाद आप सरकारी हॉस्पिटल, मिलिट्री सर्विसेज, शिक्षण संस्थान इत्यादि जगहों पर नौकरी करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आपको नौकरी पाने के लिए अधिक भागदौड़ की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
रेडियोलॉजी की पढ़ाई जीव विज्ञान और भौतिकी पर केंद्रित है इसके लिए रेडियोलॉजी में बैचलर्स डिग्री पूरी करनी होगी उसके बाद रेडियोलॉजी में मास्टर डिग्री भी कर सकते हैं। लेकिन रेडियोलॉजी के लिए एमबीबीएस का होना जरूरी नहीं है।
बीएससी रेडियोलॉजी में चिकित्सा इमेजिंग के सिद्धांत, चिकित्सा जैव रसायन, रेडियोग्राफिक तकनीक, पैरा-क्लिनिक प्रशिक्षण, मानव शरीर रचना, विज्ञान विकिरण भौतिकी जैसे विषय शामिल है।
रेडियोलॉजिस्ट मेडिकल डॉक्टर (एमडी) होते हैं जिन्होंने रेडियोलॉजी में 4 साल का अध्ययन पूरा किया है।
बीएससी रेडियोग्राफी कोर्स में पढ़ाए जाने वाले कुछ दिलचस्प और लोकप्रिय विषयों में शामिल हैं:
-विकृति विज्ञान
-सामान्य रेडियोग्राफी
-एमआरआई
-सीटी स्कैन
-अल्ट्रासाउंड